Last updated on April 9th, 2024 at 07:41 pm
दोस्तों किसी भी देश के विकास के लिए उस देश की वाहन प्रणाली मजबूत होनी चाहिए क्युकी देश का विकास वास्तु की आयत निर्यात, सेवाओं का कम समय में अपने लक्ष तक पहोचाना इस तरह की बातो पर मुख्य रूप से निर्भर करता है।
आज भारत जैसे देश में महामार्ग की बढ़ती संख्या और इन महामार्ग पर चलती मज़बूत वाहनों से आज देश तरक्की के दिशा में जा रहा है, मगर अपने वाहतूक सेवा को मज़बूत बनती है मज़बूत गाड़िया ख़ास तौर पर ट्रक, जी हां दोस्तों किसी भी माल, या सेवा को किसी एक राज्य से दूसरे राज्य तक, या फिर खेती, कन्स्ट्रक्शन, और अन्य व्यापर के माल को बड़ी मात्रा में एक जगह से दूसरे जगह लेजाने के लिए हमें ट्रक, ट्रॉली, ट्रैक्टर का इस्तेमाल करना पड़ता है।
आज मैं आपको ऐसे ही ट्रक, ट्रेक्टर और अन्य जड़ वहां बनाने वाली ऑटोमोटिव कंपनी अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसमे हम ashok leyland kaha ki company hai?, अशोक लेलैंड का मालिक कौन है, अशोक लेलैंड की अन्य जानकारी हासिल करने वाले है, आप हमारे इस लेख पर अंत तक बने रहे।
भारत देश की है Ashok Leyland यह कमर्शियल व्हीकल कंपनी
अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) भारत देश की कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली सबसे बड़ी ऑटोमोटिव कंपनी है जिसकी स्थापना साल 1948 में अशोक मोटर्स (Ashok Motors) नाम से की गई थी।
Tata Motors के बाद Ashok Leland भारत की दूसरी सबसे विशाल व्यापारिक और वाणिज्यक (Commercial) वाहन निर्माता कंपनी है जिसका मुख्यालय चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में स्थित है, जो की वर्तमान में “Hinduja Group” के मालकी की है।
Ashok Leyland मुख्य रूप से देश में लीलैंड बस (दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी बस निर्माता कंपनी), ट्रक, ट्रैक्टर, वाहन इंजन, रक्षा वाहन और भारतीय सेना के लिए सुरक्षा वाहन बनती है।
श्री रघुनंदन सरण है Ashok Leyland कंपनी के संस्थापक
गाजियाबाद में जन्मे भारत के स्वतंत्र सेनानी रघुनंदन सरण जी ने 7 सितंबर 1948 में ‘Ashok Motors’ कंपनी की स्थापना की जिसे आज हम Ashok Leyland के नाम से जानते है।
रघुनंदन सरण उस वक़्त के काफी बड़े और सन्मानिया उद्योगपति में से एक थे जहा भारत स्वतंत्र के बाद भारत अपने आर्थिक मुश्किलों से जूज रहा था जहा भारत के पहले पंतप्रधान श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के कहने से और भारत की आर्थिक मज़बूत देश बनाने की लक्ष से अशोक मोटर्स की स्थापना की।
आगे कंपनी के बढ़ते व्यापर और विदेशी कंपनियों के निवेश के चलते साल 1854 में कंपनी ने अपना बदलकर ‘Ashok Motors’ से ‘Ashok Leyland’ कर दिया
Ashok Leyland Automotive Profile (Hindi)
स्थापना वर्ष | 1948 |
मुख्यालय | चेन्नई, तमिलनाडु भारत |
संस्थापक/मालिक | रघुनंदन सरण |
मुख्य सदस्य |
|
पैरेंट कंपनी | हिंदुजा समूह |
उद्योग | मोटर वाहन |
होम पेज | https://www.ashokleyland.com/in/en |
Ashok Motors से Ashok Leyland तक का कंपनी का सफर
साल 1948 में अपने एकलौते बेटे अशोक के नाम पर और भारत उद्योग में क्रांति लाने और भारत को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाने के लक्ष से रघुनंदन सरण जी ने Ashok Motors की स्थापन की
साल 1949 में चेन्नई, तमिलनाडु में अपने पहले वाहन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट के अंदर विदेशी कंपनी Austin Motors की कार्स को बनाने और असेम्बल करने के ठेका लिया जिसके तहद Ashok मोटर्स ने पहली बार अपने प्लांट से भारत की पहली पैसेंजर कार Austin A-40 कर का निर्माण किया।
साल 1953 में भारत को एक और उद्योजक और स्वतंत्र सेनानी रघुनंदन सरण जी को अलविदा कहना पड़ा जहा एक एयर क्रश हादसे में उनकी मौत हो गई, इसके बाद कंपनी की बागडोर कंपनी के शेयर हिस्सेदारों ने संभाली।
साल 1954 में कंपनी भारत में ही कमर्शियल वाहन का निर्माण कर सके इसके वजह से Ashok Motors ने इंग्लैंड की मशहूर कॉमेट ट्रक बनाने वाली कंपनी British Leyland के साथ समझौता किया जिसके बाद कंपनी का नाम बदलकर Ashok Motors से Ashok Leyland कर दिया गया।
साल 2007 में हिंदुजा समूह (Hinduja Group) ने Ashok Leyland की सांझेदारी कंपनी Iveco की अप्रत्यक्ष 15% हिस्सेदारी खरीद ली जो पहले ही Ashok Leyland में 35% की हिस्सेदारी के साथ थी जो अब 51% के साथ हिंदुजा समूह अशोक लेलैंड की मलिका कंपनी बन चुकी थी और अभी भी है।
दमदार और मज़बूत ट्रक बनाने के लिए कंपनी है मशहूर
कंपनी शुरवात से ही अपने मज़बूत, बेहतर माइलेज के ट्रक के लिए काफी मशहूर और लोकप्रिय है।
साल 1954 अपना पहल कॉमेट-350 ट्रक का निर्माण करने के बाद आज तक भारत में भारत सरकार, आद्योगिक क्षेत्र, वाहतूक क्षेत्र में Ashok Leyland कंपनी के ट्रक की काफी मांग की जाती है।
आज अशोक लेलैंड हौलेग, ICV, टिप्पर, ट्रेक्टर के काफी सरे ट्रक का निर्माण करती है, जहा यह ट्रक एक राज्य के दूसरे राज्य के माल की वाहतूक के साथ साथ गावो शहरों में खेती, फैक्ट्री, कारखाने, खदान, लागु उद्योग क्षेत्र और व्यापर के मुताबिक अपने ट्रक का निर्माण करती है।
आज Ashok Leyland भारत में ट्रक, ट्रक इंजन निर्माण में अग्रणी है और देश की दूसरे और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रक जड़ वाहन निर्माता कंपनी है।
Ashok Leyland भारतीय सेना के लिए वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी
दोस्तों भारतीय आर्मी सेना आज 14 लाख से ज्यादा सक्रिय कर्मियों के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे शक्ति शाली सेना मानी जाती है।
इस शक्तिशाली सेना के बौदलत आज हम दुनिया के अन्य सुपर पवार देश के आखो में आँखे डालकर खड़े है, आज भारतीय सेना की बौदलत हमने ऐसे बहोत से मिशन को पूरा किया है जिसके कारन आज सभी देश हमसे अच्छे संबध बनाए के लिए सामने आता है।
आज भारत सेना के पास INS Mormugao (D67) जैसे शिप्स, तेजस, सुखोई जैसे जेट एयर क्राफ्ट और अन्य मिसाइल मौजूद है, मगर इसीके साथ भारतीय सेना के पास एक ऐसा हथियार है जसिके बिना हमारी सेना अधूरी है।
दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ भारतीय सेबा में दो दशको से सेवा देने वाली “Stallion Truck” की जिसका निर्माण Ashok Leyland कही वर्षो से करती आरही है।
आज भारत भौगोलिक रूप से काफी भिन्न माना जाता है जहा हमें राजस्तान जैसे इलाके में गर्मी हो या कश्मीर जैसे जगह की टंंड हो या पहाड़ हो या चट्टान हो तो ऐसी जगह भारतीय आर्मी को अपनी ज़रूरते पूरा करने के लिए ऐसे ट्रक की ज़रूरत थी जो की भौगलिक रूप से हर जगह काम आये।
सेना के ज़रूरतों को देखने हुए आज Ashok Leyland का Stallion Truck निकल कर सामने आया है आज भारतीय सेना की पहली पसंद बानी है, आज 60,000 से अधिक Stallion Truck भारतीय सेना में इस्तेमाल किये जाते है।
भारत की पहली डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस का निर्माण
साल 2023 में भारत की पहली इलेक्ट्रिक डबल डेकर वातानुकूलित बस EiV 22 को शोकेस किया गया जिसे सबसे पहले मुंबई के सड़को पर चला जाएंगे।
EiV 22 इस इलेक्ट्रिक बस का निर्माण Switch Mobility द्वारा किया गया जो की Ashok Leyland की एक सहायक कंपनी है, जिसकी कीमत 2 करोड़ के आस पास बताई जा रही है।
नई ई-बस में अपने पारंपरिक समकक्षों की तुलना में ऊपरी डेक तक पहुंचने के लिए दो दरवाजे और समान संख्या में सीढ़ियां हैं.
बात करे बस के फीचर्स की तो इस बस में पारंपारिक बस के मुकाबले ऊपर डेक तक जाने के लिए दो दरवाजे और सामान संख्या में सिडिया दी गई है।
बस में वातानुकूलित (AC), CCTV कैमरे, डिजिटल टिकिट मशीन, डिजिटल डिस्प्ले, और एमरजेंसी के लिए पैनिक बटन, डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम और अन्य डिजिटल फैसिलिटी मौजूद है।
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मेरे अंतिम शब्द
दोस्तों Ashok Leyland कंपनी भारत के उन महान कंपनियों में से एक है जिन्होंने भारत के अर्थववस्था काफी ऊपर लेकर गई है और आज भी भारत जैसे देश में टिकाऊ और मज़बूत वाहनो के निर्माण से भारतीय उद्योग और व्यापर को मज़बूत बना रही है।
तो दोस्तों मैंने आपको अशोक लेलैंड के बारे में काफी सारी जानकारी सबाल भाषा में साँझा करने की कोशिश की, और आपके सवाल जैसे Ashok Leyland kaha ki company hai?, Ashok Leyland का मालिक, कंपनी का इतिहास और अन्य सवालो को बेहद ही आसान भाषा में समझाया है।
अगर यह लेख आपको पसंद आया हो या इस लेख से संबधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप मुझे कमेंट के माध्यम से संपर्क कर सकते है, धन्यवाद।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ’s
अशोक लीलैंड कंपनी क्या करती है?
अशोक लीलैंड भारत की दूसरी सबसे बड़ी वाणिज्यक वाहन जैसे की ट्रक, ट्रेक्टर, टिपर और अन्य जड़ वाहनों का निर्माण करने वाली कंपनी है
अशोक लेलैंड कंपनी के मालिक कौन है?
हिंदुजा समूह 51% शेयर हिस्सेदारी के साथ अशोक लेलैंड के मालिक है।
अशोक लेलैंड कंपनी की पहली गाड़ी कौन सी है?
Comet-350 ट्रक (1954 किया गया निर्माण)
हिंदुजा ग्रुप में कितनी कंपनियां हैं?
अशोक लेलैंड, इंडसलैंड बैंक, हिंदुजा बैंक, गल्फ ऑइल इंटरनेशनल, One OTT इंटरटेनमेंट, हिंदुजा टेक्नोलॉजी लिमिटेड, हिंदुजा हेल्थकेयर और अन्य 17 कंपनिया आती है।