बचपन में हमें सबसे पहले एक लकड़ी की कलम दी जाती थी जिससे हम लिख पाते थे, किसी का चित्र निकाल पते थे और उसे मीठा भी पा सकते और इस कलम को हम पेंसिल कहते थे।
नटराज पेंसिल की दुनिया का ऐसा नाम जिसे ना जाने कितने सालो से हम अपने खुद के इस्तेमाल में अपने छोटे बड़े भाई बहनो के इस्तेमाल में और आज तक देखते आर हे है, देश के ज्यादा तर बच्चे, कलाकार, चित्रकार नटराज पेंसिल को लेना काफी पसंद करते है, किफायती कीमत, देश के किसी भी जगह पर उपलब्धता, टिकाऊ और मज़बूत बनावट के कारन आज नटराज पेंसिल को देश की नंबर वन पेंसिल का दर्जा दिया गया है।
तो दोस्तों आज हम इसी नटराज पेंसिल के बारे में जानकारी लेने वाले है और बताएँगे की नटराज पेंसिल कंपनी का मालिक कौन है? नटराज पेंसिल कंपनी किस देश की है? इस पेंसिल कंपनी का व्यापर, इतहास और अन्य रोचक जानकारी लेने वाले है।
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हिंदुस्तान पेंसिल प्रा.ली. है नटराज इस पेंसिल ब्रांड की असली मालिक
हिंदुस्तान पेंसिल प्राइवेट लिमिटेड यह भारतीय पेंसिल निर्माण तथा लेखन सामग्री और अन्य स्टेशनरी वस्तुओं निर्माण कंपनी है, जिसका मुख्यालय वर्तमान में मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है, कंपनी की स्थापना मुंबई शहर में साल 1958 में तीन दोस्तों द्वारा की गई थी।
इस कंपनी के अधीन नटराज ब्रांड आता है जो की देश का सबसे बड़ा पेंसिल निर्माता और विक्रेता है इसी के साथ नटराज ब्रांड अन्य लेखन सामग्री जैसी पेन, कंपास, शार्पनर, इरेज़र अन्य स्टेशनरी वस्तुओ का निर्माण करती है।
हिंदुस्तान पेंसिल यह देश की सबसे बड़ी पेंसिल निर्माता कंपनी है जिसका देश के पेंसिल व्यापर में 45 % से ज्यादा की बाजार हिस्सदारी है, जो यह देश की नंबर की पेंसिल निर्माण और विक्रेता कंपनी है।
हिंदुस्तान पेंसिल कंपनी यह हर दिन 8.5 मिलियन से अधिक पेंसिल का निर्माण प्रति दिन करती है वही देश के साथ वैश्विक स्थर पर भी कंपनी का व्यापर काफी व्यापक है, वर्तमान में कंपनी का व्यापर 50 से देशो में है।
तीन दोस्तों ने मिलकर की थी नटराज पेंसिल की शुरवात
दुनिया में पेंसिल का बढ़ता इस्तेमाल और बढ़ते व्यापर को देख साल 1958 में श्री.बी. जे. सांघवी, श्री.रामनाथ मेहरा और श्री. मंसूकानी इन तीन दोस्तों ने मिलकर मुंबई में हिंदुस्तान पेंसिल कंपनी की स्थापना की जिसमे बाद में नटराज पेंसिल ब्रांड का जन्म हुआ।
अपने पेंसिल वेवसाय को समझने और पेंसिल का निर्माण, वितरण और तकनीक को हासिल करने के लिए तीनो ने जर्मनी जाकर सभी तरह की जानकारी हासिल, आज कंपनी देश की पेंसिल निर्माण में पहले स्थापन पर खड़ी है।
कुछ सालो बाद कंपनी का व्यापर और नियंत्रण श्री.बी. जे. सांघवी के बाद चला गया और वे बहोत सालो तक कंपनी सीईओ पद पर कार्यरत थे वर्तमान में हिंदुस्तान पेंसिल कंपनी की सीईओ (CEO) श्रीमती शर्मीला सहाई है।
नटराज और अप्सरा दोनों है एक ही कंपनी के पेंसिल ब्रांड
कंपनी के स्थापना से कंपनी ने अपना पहला उत्पाद पेंसिल को बाज़ार में नटराज ब्रांड के साथ उतरा था जो किफायती दामों में बेहतर और मज़बूत पेंसिल प्रदान करती थी।
वही चित्रकला, कलाकार और प्रीमियम पेंसिल बनाने पर ध्यान देते हुए कंपनी ने साल 1970 में अप्सरा ब्रांड की स्थापना की जिसके तहद उच्चा गुवत्ता, आकर्षक रंग और छत्राकला के लिए पेंसिल बनाई जाती थी।
आज अप्सरा और नटराज दोनों ब्रांड के तहद आने वाले पेंसिल, देश में सबसे ज्यादा बेचे जाते है।
हिंदुस्तान पेंसिल की यही दुहेरी ब्रांड की रणनीति की वजह से आज अप्सरा और नटराज दोनों ब्रांड के तहद आने वाले पेंसिल, देश में सबसे ज्यादा बेचे जाते है, जहा इनके मार्केटिंग और अभियानों में जहा नटराज की टैगलाइन ‘फ़िर से चैंपियन’ और अप्सरा की ‘फाइव मार्क्स एक्स्ट्रा’ के स्लोगन से लोग काफी आकर्षित हुए है।
Hindustan Pencils Company Profile (Hindi)
स्थापना वर्ष | 1958 |
मुख्यालय | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
संस्थापक |
|
मुख्य सदस्य | शर्मीला सहाई (सीईओ) |
सहायक ब्रांड | नटराज, अप्सरा |
उत्पाद | पेंसिल, नोटबुक, आर्ट किट, शार्पनर, इरेज़र, पेन…अन्य |
होम पेज | https://www.hindustanpencils.com/ |
पेंसिल के अलावा नटराज ब्रांड के अंदर आने वाले प्रोडक्ट
आज लोग नटराज और अप्सरा को सिर्फ पेंसिल इस लोकप्रिय और प्रसिद्ध प्रोडक्ट की वजह से जानते है मगर पेंसिल के अलावा कंपनी दोनो ब्रांड के तहद कही अन्य शालाय प्रोडक्ट को भी बनती है।
अप्सरा और नटराज के तहेद आने वाले प्रोडक्ट
- शालेय पेंसिल
- प्रोफेशनल पेंसिल
- कलर पेन्सिल
- इंस्ट्रूमेंट सेट
- आर्ट मटेरियल
- पेन
- नोट बुक
- शार्पनर
- इरेज़र
- चॉक …अन्य
जम्मू कश्मीर के इस गांव को कहता जाता है ‘पेंसिल विलेज’
जम्मू और कश्मीर प्रदेश के पुलवामा जिले में स्थित ‘ओखू’ नामक गांव को ‘पेंसिल विलेज’ के नाम से जाना जाता है इसके पीछे का मुख्य कारन है गांव में ज्यादातर घरो के लोग पेंसिल मे लगने वाले लकड़ी का उत्पादन करते है।
इन लकड़ियों का उत्पादन करके गांव में मुख्य तीन कारखानों में इसके स्लेट तैयार किये जाते है, देश में ज्यादा तर पेंसिल निर्माता द्वारा इस्तेमाल किया गया कच्चा माल इसी गांव से तैयार किया जाता है।
मेरे अंतिम शब्द
दोस्तों पेंसिल का इस्तेमाल और व्यापर भले ही देखने हमें छोटा नज़ार आता हो मगर राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्थर पर इसकी मांग और व्यापर हज़ारो-लाखो करोडो का है।
आज हिंदुस्तान पेंसिल जैसी कंपनिया अपने किफायती, उच्चा गुणवत्ता वाले पेंसिल और अन्य उत्पाद की वजह से लोगो के दिलो में एक अलग जगह बनाकर राखी है, साथ ही कंपनी के बढ़ते व्यापर की वजह से देश के नागरिक और देश की आर्थिक स्थिति को काफी लाभ भी मिल रहा है।
तो दोस्तों मैंने आपको हिंदुस्तान पेंसिल मतलब की नटराज पेंसिल की सभी तरह की जानकारी साँझा की है और बताया की नटराज पेंसिल कंपनी का मालिक कौन है? नटराज पेंसिल की स्थापना किसने की साथ ही इस कंपनी से जुडी अन्य जानकारी भी देने की कोशिश की है।
अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो आप मुझे कमेंट के माध्यम से इसे संबधित सवाल भी पूछ सकते ही, धन्यवाद।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | FAQ’s
नटराज कंपनी की स्थापना कब हुई थी?
साल ‘1958‘ में हिंदुस्तान पेंसिल कंपनी स्थापान हुई थी जिसका पहला उत्पाद पेंसिल थी जिसे नटराज नाम से बाजार में लाया गया।
दुनिया की सबसे बड़ी पेंसिल कंपनी कौन सी है?
Faber-Castell यह दुनिया की सबसे पुराणी और सबसे बड़ी पेंसिल निर्माता कंपनी है जो साल में लगभग 2.3 बिलियन से ज्यादा पेंसिल का निर्माण करती है।
स्कूल के लिए सबसे अच्छी पेंसिल कौन सी है?
नटराज, अप्सरा और एच.बी पेंसिल स्कूलों और कॉलेज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाते है।
पेंसिल किस चीज से बनती है?
पेंसिल को ग्रेफाइट और मिटटी के मिश्रण से एक लकड़ी के छेद में भर के बनाया जाता है।
पेंसिल कौन सा पेड़ बनाता है?पेंसिल को निर्माण करने के लिए धूप देवदार के पेड़ के लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है, जो की जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाको में पाई जाती है।
Yeh company kiska hai
Hindustan Pencil Private Limited